महाराष्ट्र चुनाव 2024 में महायुति की सरकार ने बंपर जीत हासिल की है। उसके बाद से महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। इसी बीच एक खब सामने आई हैं कि शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से महज 6 महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था। पर भाजपा ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया।
भाजपा का कहना था कि इससे एक गलत मिसाल कायम होगी। उन्होंने कहा 6 महीने के लिए सीएम नियुक्त करने का कोई सिस्टम नहीं है। यह एक गलत फैसला होगा और इसका प्रशासन पर गलत असर पड़ेगा। मिली रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से एकनाथ शिंदे समेत और भी कई नेताओं की मुलाकात 28 नवंबर को हुई थी।
मीटिंग से पहले एकनाथ शिंदे ने क्या कहा था
मिली जानकारी के अनुसार मीटिंग के एक दिन पहले एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह भाजपा नेतृत्व के फैसले को मानेंगे, और गठबंधन सरकार के लिए कोई अड़ंगा नहीं डालेंगे। इस बैठक में भाजपा के देवेंद्र फडणवीस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे मौजूद थे। हम आपको बता दे कि महायुति ने राज्य की 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की है।
शिंदे ने भाजपा को अपना पुराना कथित वादा याद दिलाया
अखबार के अनुसार शिंदे ने भाजपा को अपना पुराना कथित वादा भी याद दिलाया, जो लोकसभा चुनाव के बाद किया गया था कि अगर गठबंधन बहुमत हासिल कर लेता है कि तो उन्हें ही मुख्यमंत्री दोबारा बनाया जाएगा। पर भाजपा ने उनका अनुरोध यह कहकर खारिज कर दिया कि भाजपा को बहुमत के करीब सीटें हासिल करने के बाद ऐसा फैसला लेना गलत होगा।
भाजपा ने एकनाथ शिंदे से क्या कहा
मिली जानकारी के मुताबिक एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शिंदे से यह भी कहा गया कि वह खुद को भाजपा अध्यक्ष की जगह पर रखकर देखें और सोचें। उन्होंने बताया कि बैठक में भाजपा नेतृत्व ने शिंदे से पूछा कि अगर आप फुल बहुमत हासिल कर लेते तो क्या आप मुख्यमंत्री पद पर दावा छोड़ देते। ये सुन कर एकनाथ शिंदे चुप हो गए और कुछ नहीं कहा। अब बुधवार को भाजपा की बैठक होनी है, जिस में विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा।